मंगलवार, 16 नवंबर 2010

क्षमा

  • प्रतिशोध लेने का आनंद मात्र एक दिन का होता है, जबकि क्षमा करने का गौरव सदा बना रहता है।
  • सच्ची क्षमा समस्त ग्रंथियों को विदीर्ण करने का सामर्थ्य रखती है।
  • हर परिस्थिति में स्वयं को संयोजित संतुलित रखना भी क्षमा ही है।
  • क्षमा देने क्षमा प्राप्त करने का सामर्थ्य उसी में है जो आत्म निरिक्षण कर सकता है
  • क्षमापना आत्म शुद्धि का प्रवाहमान अनुष्ठान है, सौम्यता, विनयसरलता, नम्रता शुद्ध आत्म में स्थापित होतीहै।

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